सुकानत(एक फ्रांसिसी
व्यक्ति) को ऑफिस के काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाना पड़ा, घर में उसकी पत्नी
और एक बेटा था|
जब वह शहर से बाहर
था, उसी दौरान एक बड़ी भयंकर दुर्घटना में उसके बेटे की मृत्यु हो गयी|
इस घोर दुखद
परिस्थिति में पत्नी ने खुद को सहारा दिया और सुकानत तक यह बात नहीं पहुँचने दी,
ताकि घर से बाहर अकेले होने की वजह से वह किसी सदमे में ना आ जाये, इसी वजह से
उसने सुकानत के घर वापस आने का इंतजार किया|
कुछ दिनों बाद
सुकानत घर वापस आया, अपनी पत्नी से उमंगित होकर मिला और बच्चों के बारे में पूछा|
पत्नी ने कहा- बच्चे
अभी स्कूल गए हैं, आप थोड़ा आराम कर लो|
आराम से भोजन वगैरह
किया, पत्नी ने उसके काम के बारे में पूछा; सब इधर-उधर की बातें करने के बाद दिन
भी निकल गया, सुकानत ने बच्चों के बारे में फिर से पूछा|
पत्नी ने कहा- पहले
आप मुझे एक बात बताओ!
सुकानत ने सहमती
जतायी, तो पत्नी ने पूछा- मेरी सहेली जो ज्वैलरी मेरे पास छोड़ के गयी थी, उनमें से
एक हार मुझे बेहद पसंद है, मैं उस हार को लौटाना नहीं चाहती हूँ, भले ही उसके बदले
मैं उसे कीमत दे दूँगी| वो हार मेरे दिल में बस गया है, उस हार को लौटाना है कि
नहीं? आप बताओ!
सुकानत ने सोचकर
कहा- देखो, अगर तुम्हारी सहेली कीमत लेकर वो हार तुम्हें दे देती है तो अच्छा है,
वरना उसका हार लौटा देना चाहिए| कोई बात नहीं, हम वैसा ही दूसरा बना देंगे, क्या
पता उससे अच्छा पसंद आ जाये तुम्हें|
पत्नी ने कहा- आप
सही कह रहे हो, ऐसा ही हुआ है| भगवान की कई संतानों में से एक हमारा बेटा भी था,
जिसे भगवान ने हमारे पास छोड़ा था, भगवान ने अब उसे वापस ले लिया है और कीमत भी
नहीं मांगी; अब मुझे उससे अच्छा बेटा चाहिए, जो उससे ज्यादा प्रिय हो!
ऐसा सुनते ही सुकानत
की आँखों से आंसू बह निकले और उसने अपनी पत्नी को गले लगा लिया| उसकी पत्नी ने
अपनी पीड़ा, सुकानत को कम पीड़ा देते हुए कह दी|
प्रिय दोस्तों, हम भी अपनी हिम्मत से दुखद पलों की नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदल सकते
हैं| बदलतीसोच(badaltisoch.com) आप सभी को अपने हौसले को सदा बनाये रखने की सलाह देती
है, जिससे पहाड़ जैसा दुःख भी राई बन जाये| धन्यवाद|
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