एक शाम गुलाब के एक पौधे में विद्रोह भड़क उठा | पौधे की पत्तियों ने कहा- सब
लोग गुलाब के फूलों की तारीफें करते हैं, हमें कोई नहीं पूछता, जबकि हम भी उतने ही
कीमती हैं जितने कि गुलाब के फूल ; हम अपना अपमान नहीं सह सकते |
यह सुनकर पौधे का तना बोला- देखो, हम सब एक परिवार हैं | गुलाब के फूल तभी
खूबसूरत खिलते हैं, जब हम उन्हें समुचित भोजन प्रदान करते हैं, इसलिए तारीफ भले ही
गुलाब के फूलों की हो, लेकिन तारीफ का श्रेय हम सबको जाता है |
विद्रोही पत्तियाँ नहीं मानी, उन्होंने कहा- नहीं, हमारी अलग से तारीफ होनी
चाहिए, जब हम गुलाब के फूलों को पोषक तत्व देते हैं, तभी गुलाब के फूल सुन्दर
तरीके से खिलते हैं | अब हम दिखाके रहेंगे कि हमारा क्या महत्व है !
विद्रोह बढ़ने लगा, यह देखकर गुलाब के फूलों ने समझाया- भले ही लोग हमारी
तारीफें करें, लेकिन यह बात सब जानते हैं कि पत्तियों का भी उतना ही महत्व है
जितना फूलों का है | कृपया आप शांत हो जाएं और अपना जीवन ख़ुशी-ख़ुशी जियें, आखिर हम
एक परिवार हैं |
विद्रोही पत्तियों ने किसी की नहीं सुनी, सबने समझाया, पर उन्होंने भी ठान ली
कि अब गुलाब के फूलों को सबक सिखा के रहेंगे | उन्होंने कहा- हम सब मुरझा जायेंगे
| फिर देखते हैं, हमारे बिना कैसे ये फूल ज्यादा दिन तक जिंदा रहते हैं |
उस रात सारी पत्तियाँ मुरझा गयी |
सुबह माली आया, तो बड़ा आश्चर्यचकित हुआ, क्योंकि सारी पत्तियाँ मुरझाकर टूट
चुकी थी, सिर्फ गुलाब के फूल और तना सही सलामत थे |
माली ने गुलाब के फूलों की जमकर तारीफें करी, फिर सूखी पत्तियों को उठाकर
कूड़ेदान में डाल दिया ; कोई दया नहीं, कोई सहानुभूति नहीं ; बेचारी पत्तियाँ
कूड़ेदान में मृत पड़ी थी | माली ने पौधे को खाद-पानी दिया और शाम तक एक नयी मुलायम
पत्ती तने से उग आई |
यह देखकर, एक गुलाब के फूल ने तने से कहा- काश ! वे पत्तियाँ भी अपना जीवन
ख़ुशी-ख़ुशी जी पाती, क्योंकि उनके जाने के बाद उनका महत्व शून्य हो गया है |
प्रिय दोस्तों, तैश में लिया गया फैसला नुकसानदायक होता है | यह
दुनिया, जीवित और कामयाब जिंदगी जी रहे लोगों को ही महत्व देती है | इसलिए शान से
ख़ुशी-ख़ुशी जियो ; परिस्थितियाँ कैसी भी हों, खुशियाँ ढूँढकर जियो | जो जीवित है,
महत्व उसका है | धन्यवाद|
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